इंदौर

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में 18 से 30 साल की उम्र वाले 50 हजार से ज्यादा युवाओं के स्वास्थ्य को लेकर किए गए एक अध्ययन ( Youth Health Survey) में परेशान करने वाली जानकारियां सामने आई हैं। अध्ययन के निष्कर्षों में 30 फीसदी प्रतिभागी युवकों (30  percent participating youth) का बीपी (BP) असामान्य पाया गया है। अध्ययन में शामिल करीब 90 फीसदी युवाओं (90 percent youth) की खान-पान की आदतें गड़बड़ (Eating habits are messed up) पाई गई हैं।

अब जानिए, क्या कहते हैं हार्ट एक्सपर्ट्स अमेरिका से आए कार्डियोलॉजिस्ट प्रो. डॉ. प्रकाश डिडवानिया (यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क, सेन फ्रांसिसको) ने बताया कि भारत में जिस प्रकार दिल की बीमारियों के मरीज बढ़ रहे हैं, यह बहुत चिंताजनक है। इंदौर की स्थिति चौंकाने वाली है। यहां के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पतालों से जुड़े हार्ट क्लब के डॉक्टरों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस में डेटा प्रेजेंटेशन दिया तो हम सभी चौंक गए।

प्रिवेंशन संभव, लेकिन लोग गंभीर नहीं डॉ. प्रकाश डिडवानिया ने कहा कि बच्चे, जवान, बुजुर्गों सहित सभी लोगों में रिस्क फैक्टर्स बढ़ रहे हैं। आए दिन अचानक किसी की हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट से मौत का कारण खराब लाइफ स्टाइल और मोटापा है।

ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रोल, मोटापा ये सभी खराब लाइफ स्टाइल के फैक्टर्स हैं। इन्हें प्रिवेंट किया जा सकता है लेकिन लोग गंभीर नहीं हैं। कॉन्फ्रेंस का पूरा सार यही निकला है कि बढ़ती हार्ट डिसीज को नियंत्रण करने के लिए प्रिवेंशन ही सबसे बेहतर उपाय है। सबसे पहले जरूरत है कि हायपरटेंशन, डायबिटीज को बचपन से ही प्रिवेंट कर लें।

डॉ ने बताया कि हार्ट के लिए जोखिम के बहुत सारे फैक्टर्स हैं। इनमें से एक खास फैक्टर मोटापा है। पेट की गोलाई यानी तोंद पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।

दिल्ली से आए प्रो. मनचंदा ने बताया कि हार्ट की बीमारियों के इलाज में लाखों खर्च की तुलना में प्रिवेंशन बहुत सस्ता है। जब लोगों को पता रहता है कि हार्ट की बीमारियां क्यों होती है तो उन्हें इसे रोकने के उपाय करने चाहिए। चार रिस्क फैक्टर्स पर काबू पा लिया जाए तो बेहतर नतीजे मिलेंगे।

मोटापा कंट्रोल करने के लिए अब एडवांस इंजेक्शन भी कॉन्फ्रेंस के साइंटिफिक चेयरमैन डॉ. एके पंचोलिया ने योग को रोजमर्रा की आदत में शामिल करने की सलाह दी, क्योंकि यह तनाव घटाता है। शरीर और मन को स्वस्थ रखता है और मोटापा कम करने में मदद करता है। उन्होंने नए इंजेक्शन के बारे में भी जानकारी दी, जो शरीर के फैट को कम करने में मददगार है। उन्होंने कहा कि इनका असर तभी स्थायी रहेगा जब जीवनशैली में सुधार, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम भी जारी रहें।

उन्होंने प्रदूषण को भी हृदय रोग का एक कारण बताया और सरकार से उचित कदम उठाने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश में बढ़ते हृदय रोगों को लेकर चिंतित हैं। मोटापा और एयर पॉल्युशन हमारे स्वास्थ्य के सबसे बड़े दुश्मन हैं। अगर हमने अभी से इनसे लड़ाई नहीं लड़ी, तो आने वाले समय में हर घर में हृदय रोगी होगा।

शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाता है फैट वहीं, कॉन्फ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ. विद्युत जैन ने बताया कि मोटापा हार्ट डिसीज का प्रमुख कारण है। शरीर में जमा फैट धीरे-धीरे हार्ट और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाता है। बढ़ते फैट पर काबू पाने के लिए लोग घर का खाना खाएं। प्रोटीनयुक्त आहार जैसे दाल और टोफू को रोजाना की डाइट में शामिल करें।

हल्की-फुलकी एक्सरसाइज, साइकिलिंग या वॉक को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करना चाहिए।

ज्यादा नमक, शुगर और तली चीजें खतरनाक

कॉन्फ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. राकेश जैन ने बताया कि हमारे पूर्वज सौ सालों से यह खाना खाते आए हैं लेकिन उस समय उनका जीवन पूरी तरह अलग था। वे रोजाना पैदल चलते थे, साइकिल चलाते थे, खेतों में मेहनत करते थे। आज के समय में लोग छोटी-सी मॉर्निंग वॉक भी छोड़ देते हैं।

उन्होंने चेताया कि ज्यादा नमक, शुगर और तली-भुनी चीजें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। बाजार में उपलब्ध जूस और पैकेज्ड फूड को हेल्दी समझ कर पीना भी खतरनाक हो सकता है क्योंकि इनमें छुपी शुगर और फैट से हार्ट को काफी जोखिम रहता है।

दिमाग जानता है, लेकिन दिल मानता नहीं डॉ. जैन ने कहा- हमारा दिमाग जानता है कि क्या सही है, लेकिन दिल मानता नहीं। इतने बड़े शरीर में 250 ग्राम के दिल को नजाकत से संभालो। जब दिल नहीं बचेगा तो कुछ भी नहीं बचेगा।

भारत में लोग जूस या एनर्जी ड्रिंक को हेल्दी मानते हैं, जबकि उनमें भी शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को पैकेज्ड फूड पर बड़े अक्षरों में कैलोरी, शुगर और फैट की मात्रा लिखना अनिवार्य करना चाहिए ताकि लोग जागरूक हो सकें।

सही खान-पान, व्यायाम हेल्दी हार्ट के लिए जरूरी

कॉन्फ्रेंस की शुरुआत सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में आयोजित सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम से हुई। एक्सपर्ट्स ने बताया कि हृदय रोग केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं है, बल्कि अब यह युवाओं और बच्चों में भी तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने सही खान-पान, नियमित व्यायाम और तनाव कम करने को हेल्दी हार्ट के लिए बेहद जरूरी बताया।

इसके अलावा डिबेट और सवाल-जवाब सत्र में हृदय स्वास्थ्य, जीवनशैली सुधार और बचाव के उपायों पर विचार साझा किए गए। एक स्पेशल सेशन ‘सॉल्ट सत्याग्रह’ पर हुआ। इसमें बताया कि अधिक नमक का सेवन हमारे दिल के लिए कितना नुकसानदायक है।