
इंदौर
नशाखोरी से युवाओं को बचाने के लिए कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर में नई पहल करेंगे. युवाओं को धर्म से जोड़कर नशा से दूर रखा जाएगा. इसके लिए शहर भर में युवा, बच्चे और छात्र-छात्राओं की टोलियां नशाखोरी के विरोध में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. बताया गया कि इस आयोजन की शुरुआत करीब 1 लाख युवाओं के साथ होगी.
नाबालिग भी नशीले पदार्थ की तस्करी में शामिल
शहर में नशा मुक्ति के तमाम अभियान और प्रयास किए जा रहे हैं. इसके बावजूद क्राइम ब्रांच, इंदौर के अनुसार यहां सालाना नशे की सामग्री की खपत 10,000 किलो हो चुकी है. जिसमें स्मैक, अफीम, गांजा, डोडा चूरा, केमिकल ड्रग, ब्राउन शुगर और तरह-तरह की सिगरेट शामिल हैं. इन नशीले पदार्थों का शहर में बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है. जिसके चलते स्थिति यह है कि नशे की सामग्री की तस्करी के धंधे में महिलाओं के अलावा नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं.
शहर में 6 गुना बढ़ी डोडा चूरा की स्मगलिंग
इंदौर शहर में नशे की सामग्री की बिक्री का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल की अपेक्षा यहां डोडा चूरा की स्मगलिंग 6 गुना तक बढ़ चुकी है. इसका उपयोग करने वालों में स्कूल कॉलेज के छात्र-छात्राएं सहित महिलाएं भी शामिल हैं. पिछले साल नशाखोरी के खिलाफ कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को खुद मोर्चा संभालना पड़ा था. इसके बाद पुलिस को नशे के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करनी पड़ी थी.
नशा मुक्ति अभियान से भी नहीं थम रही नशाखोरी
इस साल (2025) भी 15 से 30 जुलाई तक नशा मुक्ति अभियान चलाया गया. इसके बावजूद पिछले माह (सितंबर 2025) नशाखोरी के चलते ट्रक ड्राइवर ने 3 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. जबकि 10 से ज्यादा लोग घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस बीच हाल ही में यहां पुलिस ने ड्रग माफिया सीमा नाथ के ड्रग के धंधे को एक्सपोज किया है. जिसके नेटवर्क में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल मिले हैं. इसके साथ ही शहर में खुले गार्डन, प्लॉट और बंद इमारतों में समूह में लोग नशा करते पाए जाते हैं.
सामूहिक हनुमान चालीसा का होगा आयोजन
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने युवाओं को नशाखोरी से बचाने के लिए अब उन्हें सामूहिक हनुमान चालीसा के आयोजनों में शामिल करने का ऐलान किया है. विजयवर्गीय का कहना है कि "युवाओं को हनुमान चालीसा के जरिए नशे के खिलाफ धर्म से जोड़ना होगा. इसके लिए जल्द ही एक लाख युवाओं का जुटाकर आयोजन शहर में कराया जाएगा. इसके लिए स्थान का चयन किया जा रहा है."
धर्म से जुड़ छोड़ेंगे नशाखोरी
उन्होंने आगे कहा, "आयोजन में सुंदरकांड करने वाली मंडलियों के अलावा स्कूल कॉलेज के छात्र और नशाखोरी के खिलाफ अभियान चलाने वाले जन संगठन और उनसे जुड़े लोग भी शामिल होंगे. हनुमान चालीसा का पाठ करने से युवा मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर नशाखोरी के खिलाफ खड़े हो सकेंगे, क्योंकि हनुमान चालीसा का अपना अलग प्रभाव होता है."